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Hindi Kavita, Best Poem in Hindi | हिंदी कविताएं

  हिंदी कविता भारतीय साहित्य का एक अनमोल हिस्सा है। यह विभिन्न भावनाओं और विचारों को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करती है ,  हिंदी कविता में ज...


 हिंदी कविता भारतीय साहित्य का एक अनमोल हिस्सा है। यह विभिन्न भावनाओं और विचारों को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करती है , हिंदी कविता में जीवन के हर पहलू को छूने की क्षमता होती है, चाहे वह प्रेम हो, दुःख हो, प्रकृति की सुंदरता हो या सामाजिक मुद्दे। यह भाषा की रचनात्मकता और शक्ति को भी प्रदर्शित करती है।

                                 Best Hindi Kavita

Best Hindi Kavita

चाँदनी रात में एक बार,

चाँदनी रात में एक बार,
चलते चलते देखा यह संसार।
सितारों की चमक में खो जाने दो,
मन की बातों को बहने दो।

धरती की हरियाली में बसा,
जीवन का सच्चा रसा।
पेड़ों की शाखों पर बैठा पंछी,
कहता सबसे, मिलकर रहो खुशी खुशी।

नदी की लहरों में छुपा,
जीवन का संगीत सुना।
बहते जाओ, बहते जाओ,
जीवन की इस धारा में खो जाओ।

तुम अब जब भी मिलो तो


तुम अब जब भी मिलो तो
कस के गले लगा लेना !
ना जानें देना,
अपनी बाहों में समा लेना !
ना कुछ कहना,
दिल की धड़कने सुना देना !
ना दूर फिर जाने देना,
अपने पास बैठा लेना !
चांदनी रात में हजारों तारे गिन,
मुझ संग थोड़ा बतियां लेना !
ठंडी हवा जब बदन को छुएं मेरी,
तो तुम अपने बाहों में समा लेना मुझे !
धीरे से मेरे कानों में कहना, हां!
इश्क हो गया है बेहद
तुमसे यह आज बता देना !
इजहार-ए-इश्क जो कर लो,
तो फिर ना दगा देना...!!❤️


हर मोहब्बत मुकमल हो ऐसा जरूरी तो नहीं ।


हर मोहब्बत मुकमल हो ऐसा जरूरी तो नहीं ।
जो कहानियां पूरी नहीं हुई ओ सारी अधूरी तो नही।
ये जो फासले है । हो सकता है यही हो नजदीकियां।
जिस्मों की दूरी कोई दूरी तो नही ।
वो मेरे पास बैठी थी एक पल के लिए पूरी जिंदगी नही
बिताई साथ मगर दो पल की दोस्ती भी बुरी तो नही ।
हर किसी को है हक मोहब्बत मैं ना कहने का
मोहब्बत है जी हुजूरी तो नही ।

                                  

बस तुम बाते किया करो



 बोलो कुछ तुम भी अपने घर के बाहर की नजारों की बाते किया करो
जहा मनपसंद पकवान मिलते है है उन बाजारों की बाते किया करो
जहा गई थी कुछ दिन पहले उन पहाड़ों की बाते किया करो
दर्द मैं कितना रोई थी उन गमों की बाते किया करो
खुशी मैं कितना उछल गई थी उन पलों की बाते किया करो
लिख लिख के जो मिटा दिया तुमने उन खतओ की बाते किया करो
छोर दिया तुम्हे अपना बना के उन अपनो की बाते किया कारों
मुझे सुनना है बस तुम से कोई न कोई मजेदार सफर की बाते किया करो
मैं नजर से सुन लगा तुम नजर की तो बाते किया कारों
कुछ अपना बताओ कोई किस्सा सुनाओ कभी तो इधर उधर की बाते किया करो
बिना सोचे बोलो तुम आज बस दुनिया भर की बाते किया कारों
आवाज सुननी है तुम्हारी बात सुननी है तुम्हारी मन मिलने का हो तो मुलाकात की बाते किया कारों
मौसम की बरसात की हाल की हालत की जज्बात की प्यार की दिल मैं आए हर तूफान की बाते किया करो
बस तुम बाते किया करो



लड़का हु न।


         की तोड़ के दिल अपना वो तुम्हारा दिल रखता है ।
दिन भर खटता हैं। फिर भी चेहरे पे हंसी मुकम्मल रखता है
कुछ कचोटता है । उसे भी अंदर ही अंदर वो भी झील सी आंखों में समन्दर रखता है ।
बेसब्र रहता है । पर कुछ कहता नही । सोचो वो भी कितना बबंडर सहता है । तोड़ के हजारों सपने 10 से 5 मैं सिमटा रहता है । लड़का होना आसान तो नही बिन गलती के भी वो सुनता है ।
जैसे मोम को रोशनी के लिए पिघलना परता है लडको को खाक मैं भी चमकना परता है




मेरी कहानी




मेरी कहानी से जुड़ा हर तार तू ही था ,
इज़हार तू ही था और इनकार तू ही था ,,

जिस दिन मेरा चर्चा हुआ तेरे नाम से हुआ ,
मेरी खबर भी तू था, अखबार तू ही था ,,

जिस ज़िन्दगी से तुझको सरोकार कुछ नहीं ,
उस ज़िन्दगी का मेरी हक़दार तू ही था ,,

मैं अपने पत्थरों की दीवार में हूँ अब ,
इक दौर था मेरी दर ओ दीवार तू ही था ,,

उम्मीद क्या करूँ मैं तेरी रुख़सती के बाद ,
उम्मीद तू ही था और आसार तू ही था ,,

काटने को दौड़ता है छुट्टी का दिन मुझे ,
वो बीत गए दिन जब इतवार तू ही था ,,

आंखों को इतने साल से समझा रहा हूँ मैं ,
जो इनको था पसंद वो दीदार तू ही था ,,

मेरे तो समंदर का इतना था किस्सा बस ,

इस पार तू ही था और उस पार तू ही था ,,


माँ की गोदी



मैं गांठ हृदय का खोलूँ क्या , कंधे पर सिर रख रोलूँ क्या ।
तुम आंखों से सब पढ़ लो ना , मैं मुँह से आखिर बोलूं क्या ।
ये इश्क़ मोहब्बत प्यार वफ़ा , तुम छोड़ चले मैं ढो लूँ क्या ।
कुछ दूर अभी अंधियारा है , मैं साथ तुम्हारे हो लूँ क्या ।
कई रंग उभर के आयेंगे आंखों में सपने घोलूँ क्या ।
शायद वापस आये बचपन , माँ की गोदी में सो लूँ क्या ।


एक मुस्कान अपने नाम करदे
Happy Mother's Day




एक मुस्कान अपने नाम करदे
ख़ुशियों का एक जाम अपने नाम करदे
बातें करके दिन बिताए औरों के संग
एक दिन अपने लिए सुबह से शाम करदे
सुनके लोगों को बड़ा आज़माया है ख़ुद को
अब ख़ुद से ख़ुद की पहचान करदे
तरीक़े भी तेरे हो और इरादा भी तेरा
ऐसा ख़ुद के लिए कुछ काम करदे
हाथों में हाथ डालकर चलती रही है जो ज़िन्दगी
उसे थोड़ा तू विश्राम करदे
कुछ पल छोड़ दे तू अपने लिए
बाक़ी सब पे अल्पविराम करदे
एक मुस्कान अपने नाम करदे
ख़ुशियों का एक जाम अपने नाम करदे



कभी तो देखे कोई हमे भी चौक के कभी तो हमे भी किसी के आंखों में प्यार दिखाई दे




कभी तो देखे कोई हमे भी चौक के कभी तो हमे भी किसी के आंखों में प्यार दिखाई दे ।

कभी तो कोई हमे भी अपना लगे
कभी तो हमे भी किसी के आंखों में इंतजार दिखाई दे ।

कभी तो कोई हमसे भी मिलने आए कभी तो हमे उनके दिलों में भी जज्बात दिखाई दे ।

कभी तो देखे वो एक बार पीछे मुड़ के । है हाल दिल का क्या ये उनको भी दिखाई दे ।
कभी तो उनकी नजरे मुझसे मिले । है आंखों में प्यार कितना ये उनको भी पता चले ।

कभी तो आके वो बैठे सुबह को मेरे पास । है सूरज से ज्यादा उनके चेहरे पे लाली ये उन्हें भी पता चले ।

कभी तो मुझे देख के वो थोड़ा सा मुस्कुराए । पूरा दिन संवारने के लिए है इतना ही काफी ये उन्हें भी पता चले

कभी तो वो चले कदमों में कदम डाल के मेरे साथ है । है मंजिल कितनी आसान ये उन्हें भी पता चले ।

कभी तो बैठो शामो में मेरे पास है ।हो तुम चांद से भी खूबसूरत ये तुम्हे भी पता चले ।

कभी तो मिलो चांदनी रातों में की में तुम्हे देखू या चांदनी रात ये भी पता चले

कभी तो पहन के आओ वो झुमका मेरे पास की तुम कितनी खूबसूरत लगती हो ये भी तो पता चले

कभी तो लगा के आओ बिंदिया मेरे पास की मैं मर मिटा हू तुमपे ये भी तो पता चले
@ प्रशांत

सुहानी लगती हो तुम


हवाए सुहानी लगती है । उनकी बाते हमे रूहानी लगती है।
फिजाओं में कुछ जानी पहचानी लगती हैं। तेरे शासो की
रवानी लगती है । कहते है । नाम लूंगा तो बदनाम हो जाओगी तुम पर सच है हर खूबसूरत मंजर हमे सुहानी लगती है

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