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प इस पोस्ट को अपने friends,realetives को share कर सकते है। तो आपको हमारा ये article पसंद आए तो इस article के सब thoughts पढियेगा और इस thoughts को facebook पर भी share करियेगा। तो चलिए अब बिना time waste किये शरू करते है हमारा ये article.
Best Love Shayari in Hindi | 200+ लव शायरी हिंदी में
मुझसे मेरा हाल पूछते होबहुत मुश्किल सवाल पूछते हो
हमने कब चाहा के वो शख़्स हमारा हो जाए, इतना दिख जाये कि आँखों का गुज़ारा हो जाए।।हम जिसे हाथ लगा दे वह बिछड़ जाता है। तुम जिसे चाह लो वह तुम्हारा हो जाए।।तुमको लगता है कि तुम जीत गए हो मुझसे। है यही बात, तो फिर खेल दोबारा हो जाए।।
तुम्हारी रूह से गुजर कर देखेंगे एक दिन ,तुम्हारे सांसों का अंदाज कैसा है ।तुमसे जुदा होकर देखेंगे एक दिन ,तुमसे बिछड़ने का अंदाज कैसा है ।तुमसे खफा होकर देखेंगे एक दिन ,तुम्हारे मनाने का अंदाज कैसा है ।तुम दूर हो गई तो ही टूट जाऊंगा मैं, फिर मौत का इंतजार कैसा है ।
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गएउसने एक नज़र देखा और हम उसी के हो गए
पहले तो यूं बेगानी नगरी मेंहमको कोई पूछा थासारा शहर जब जान गया तोलगने लगा कोई रूठा न था
गुनाह अगर इश्क है तो कोई हर्ज नहींवो इंसान ही क्या जो खता ना करे
मेरी उजड़ी हुई बस्ती को यूं ही सुनसान रहने दो खुशियां रास नहीं आती मुझे परेशान रहने दो तन्हाइयों से रहा है अब तक रिश्ता मेरा मुझे महफिलों में मत ढूंढो यूं ही गुमनाम रहने दोतिनका तिनका जोड़कर जो घर बनाया था मैंने इन्हें महल मत बनाओ, मकान ही रहने दो
बला की खूबसूरत लगती है वोचेहरे पर जब जुल्फें छोड़ देती है
ज़िक्र मेरा ही हमेशा उसकी ज़ुबाँ पर आएइतनी शिद्दत से कोई चाहे तो मज़ा आ जाए .!!
हम तो यूं ही तुम्हारी आंखों में डूब जाते हैंतुम्हें eyeliner लगाने की क्या जरूरत है।
मोहब्बत हो गई है तुमसे, तुम्हें कैसे बताएं हम तारीफ करूं, सजदा करूं या तुम्हें गले लगाएं हम
वह पूछती है क्या तुम जान भी दे सकते हो मेरे लिएयार कोई उसे समझाओ मुझे आजमाया तो बहुत रोएगी
राज मोहब्बत के छुपा लेंगे तुम आओ तो सही जख्म दिल के सिला लेंगे तुम आओ तो सही तुमको बेदर्द जमाने के तवज्जो की गरज क्या है हम खुद को आईना बना लेंगे तुम आओ तो सही माना कि शहर मेरा मशहूर है अंधेरों का शहर चांद आंगन में बुला लेंगे तुम आओ तो सही
रातों में जागने वाला मैं इकलौता नहीं हूं आंखें बंद होती है मगर मैं सोता नहीं हूं यही बात मुझे औरों से अलग बनाती है मैं तुम्हारी तरह हर किसी का होता नहीं हूं
थोड़ा सा फिसल गया था अब संभल गया हूं मैंथोड़ा सा भटक गया था अब संभल गया हूं मैं दोबारा मत आना मेरे पास बहुत बदल गया हूं मैं
श्क के सारे इम्तिहान दे दूंअपने हिस्से के सारे अरमान दे दूंइतना पागल हूं मैं तुम्हारे लिएतुम मांगो दिल तो मैं जान दे दूं
कभी पढ़ कर खुशी होती होगीकभी आंख भर जाती होगीमेरी शायरी में जब किसी कोअपनी कहानी नजर आती होगी
इनकार के डर से वो इजहार नहीं करतीमोहब्बत तो करती है मगर इकरार नहीं करती
आओ आज महफिल कुछ यूं सजाते हैंतुम पर ही लिखते हैं और तुम्हें ही सुनाते हैंकितने खूबसूरत हो तुम हम तुम्हें बताते हैंमेरे दिल में क्या है चलो आज दिखाते हैं
कैसे मैं शक ना करूं तुम परहजारों ने दिल हारे हैं तेरी तस्वीर देखकर
हर पल रहो तुम मेरे साथ इश्क में ऐसा मुकाम चाहिए कोई न जाने मेरा नाम तेरे सिवा मुझे बस इतनी सी पहचान चाहिए नहीं चाहिए मुझे दौलत और महल बस हमारा छोटा सा जहान चाहिए मैं नहीं कहता मुझे आसमान में रहना है बस तेरे दिल में छोटा सा मकान चाहिए मुकम्मल तभी होगी मेरी दुनिया महफ़िलें हो मेरी और सिर्फ तुम ही मेहमान चाहिए
तुम कागजों पर और भी खूबसूरत लगते होयकीन नहीं तो हमारी नज्में पढ़कर देख लो
आओ सीख लो वफाएं हमसेकिसी न किसी से तो तुम्हें भी निभानी पड़ेगी
नजर लगती है हर खूबसूरत चीज कोकोई काला धागा बांध दे मेरे इश्क को
एक उम्र गुज़ार दूंगा मैं तेरे इंतज़ार में तू लौट कर आने का वादा तो कर नजर तक उठाकर नहीं देखूंगा किसी कोतू मेरा हो जाने का इरादा तो करलड़ जाऊंगा तेरे लिए पूरी दुनिया से मैं बस तू मेरा साथ देने का वादा तो कर दिल क्या जान दे सकता हूं तेरे इश्क में बस तू प्यार मुझसे, मुझसे ज्यादा तो कर |
बड़ी बरकत है तेरे इश्क में,,जबसे हुआ है बढ़ता ही जा रहा है..!!
एक चाहत हैं मेरी , एक चाहने वाला ऐसा होजो चाहने में बिल्कुल मेरे जैसा हो!!❤️
हम तो यूँ ही फ़िदा है तुम परतुम्हे सजने की जरुरत क्या है
मेरी निगाहों में एक ख्वाब आवारा हैचाँद भी देखूं तो चेहरा तुम्हारा है
मेरी मोहब्बत को इतना मुकाम मिल जाएतू सोचे मुझे और अपने पास पाएमेरी सुबह कहीं भी हो शुरूतेरे साथ मेरी शाम हो जाए
दुखती रग पर उंगली रखकरपूछ रहे हो कैसे होतुमसे यह उम्मीद नहीं थीदुनिया चाहे जैसे हो
मेरी हर गुफ्तगूं जमीन से रही यूं तो फुर्सत में आसमान भी था जिद थी सिर्फ तुमसे बात करने की यूं तो फुर्सत में सारा जहान भी था
जिसे नफरत है मुझसेवही खुदा भी क्यों हैये जो दर्द की वजह हैवही दवा भी क्यों है
लाजमी नहीं तुझे आंखों से देखूंतुझे सोचना किसी दीदार से काम नहीं
गलतियों को माफ कर ऐतबार किया हमने खुद से ज्यादा प्यार किया हमने जिन्हें गम ना हुआ हमसे बिछड़ने का हद से ज्यादा उनका इंतजार किया हमने
तू मोहब्बत नहीं समझतीहम भी खुद में जलते हैंइस दफा बंदिशें बहुत ज्यादा हैछोड़ अगले जन्म में मिलते हैं
किसी मोड़ पर तेरा दीदार हो जाएकाश तुझे मुझ पर एतबार हो जाएतेरी पलके झुके और इकरार हो जाएकाश तुझे भी मुझसे प्यार हो जाए
तरसे हैं हम भी किसी के प्यार को हमारा भी प्यार से यकीन उठा है करते थे हम भी बेहद प्यार किसी से हमें भी तकलीफ हुई, हमारा भी दिल टूटा है
ज़िसको हक़ से चाहा उसका हकदार कोई और थाहम तो Timepass थे उनका, प्यार तो कोई और था
सबको मुफ्त में मिल जाया करूँ वो राय थोड़ी हूँ…हर शख्सियत को पसन्द आ जाऊ मैं चाय थोड़ी हूँ..
गुरूर है हमें ....अपने भी क़िरदार पर ....माना कोई तुम सा नहीं , तो कोई हम सा भी कहां है.
हाल-ए-दिल ये है की, मोहब्बत है…राज-ए-दिल ये है कि,सिर्फ़ तुमसे है
कितने गौर से देखा होगा मेरीआँखों ने तुम्हें,की तुम्हारे बाद कोई चेहराहसीं नही लगा'!
किस लिए देखती हो आईना ...,,तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो …!!
इश्क़ की गहराइयों में ख़ूबसूरत क्या है ,,मैं हूं, तुम हो और किसी की ज़रूरत क्या है !!
वो मर्ज़...ठीक करने में जिसे दुनिया लग गई ,उसने हाथ थामा...और मुझको दवा लग गई !
बस एक तुमको ही ज़रा तलब से देखता हूँ मै ,,वरना हर किसी को बड़े अदब से देखता हूँ मै !!
दिल को संभाल के रखा था हमने ज़माने के नजर सेकम्बख्त आँखों ने आपकी , हमे आशिक़ बना दिया !!
निगाह उठती ही नही किसी और की तरफ ,,एक शख़्स का दीदार हमें पाबंद कर गया !!
“ चाँद से कहासुनी हो गयी ,,जब मैंने जिक्र मेरे महबूब का किया !!”
“ चाँद से कहासुनी हो गयी ,,जब मैंने जिक्र मेरे महबूब का किया !!”
मैं उससे कोई समझौता नहीं कर सकतावो हर हाल में बस मेरी रहनी चाहिए
तेरी आंखें बताती हैं, तुझे मोहब्बत है मुझसे ,,मगर दिल की तसल्ली को, ज़रा इज़हार हो जाए
गुलाब जैसी हो गुलाब लगती हो हल्का सा मुस्कुरा दो लाजवाब लगती हो हकीकत हो या कोई फसाना हो तुम मुझे मेरे रातों की ख्वाब लगती हो
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफ़ा संभालकर;वरना अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर।
इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी..!!इस क़दर उलझन में पहले ज़िंदगी देखी न थी..!!
मेरे अपने करने लगे है बगावत आजकल,गैरों को होने लगी है मोहब्बत मुझसे..
तू बेचैन नहीं, मुझे चैन नहीं,मेरी जरूरत हो तुम, तुम्हें मेरी ज़रुरत नहीं,बड़े अरसे के बाद, की है मोहब्बत किसी से,तुझे कदर नहीं, मुझे सबर नहीं…
उसके चेहरे की चमक के आगे सब सादा लगाआसमान में चांद पूरा था मगर आधा लगा
ब फैसले होते नहीं सिक्के उछाल के,ये दिल के मामले हैं जरा देखभाल के।मोबाइल के दौर के आशिकों को क्या पता,रखते थे कैसे खत पर कलेजा निकाल के।ये कह के नई रोशनी, रोएगी एक दिन,अच्छे थे वही लोग पुराने ख्याल के।आँधी उड़ा के ले गई ये और बात है,कहने को हम भी पत्ते थे मजबूत डाल के।तुमसे मिला है प्यार सभी रत्न मिल गए,अब क्या करेंगे और समंदर खंगाल के।
उसकी सादगी ही कत्ल करती है मेराक्या होगा जब वो संवर कर आएगी
तेरा मेरे सीने पे सर रख के सोना,किसी दिन जान लेगा मेरी,कि सांसों को रोक रखता हूं,कहीं तेरी आंख न खुल जाए…!!
हक जताया कर अच्छा लगता है मुझे सब बताया कर अच्छा लगता है चाहे लाख झगड़े हो हम दोनों के बीच एक सॉरी पर तेरा मान जाना अच्छा लगता है
खुद की पसंद से सिर्फ गुलाब दे सकता हूं बाकी कुछ भी पूछ लो जवाब दे सकता हूं मैं बंदा हूं शर्मिला सा मुझे नहीं आता इजहार करना तुम अगर कहो तो जान दे सकता हूं, कायनात दे सकता हूं
लोग दीवाने हैं बनावट के 😐हम सादगी लेकर कहा जाए?🤭
तमन्ना हो अगर मिलने की, 😊तो हाथ रखो दिल पर, 🌈हम धड़कनों में मिल जायेंगे..
हल हमारी थी, उन्हें क्यों कसूरवार ठहराए।उन्होंने तो वही किया जो उन्हें आता था ।
मैं मोहब्बत को हकीकत में बयां करके बड़ा रोया । मेरी जान, मैं खुद को तेरा करके बड़ा रोया ।मैं पहले रोया तेरे गले लगने को फिर तेरे गले लग के बड़ा रोया ।
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,जिन्हें मोहब्बत ना हो मुझसे वह नफरत भी ना कर सके
कौन है जिस में कमी नहीं होतीआसमा के पास भी तो जमीं नहीं होती
शामिल हो तुम मेरी जिंदगानी मेंमेरी लिखी हर कहानी में,कभी हो होठों की हंसी मेंतो कभी आंखों के पानी मे
इजहार-ए-इश्क करूं या पूछ लूं तबियत उनकी, 🌻ऐ दिल कोई तो बहाना बता उनसे बात करने का।
इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरीलोग तुझ को मेरा महबूब समझते होंगे
उनके होंठों की हर लकीरें तक याद है मुझे,सोचो मैंने उन्हे कितनी शिद्दत से पढ़ा है,
क लड़की है जिसकी अदा बहुत खूबसूरत है सौ फूलों से बनी उसकी सूरत है जाने किस संगमरमर की मूरत है उसे प्यार करना मेरी फितरत है वो मेरे हर कमी की जरूरत है एक लड़की है जिसके ख्यालों में खोया रहता हूं जिसे हमेशा दुआओं में मांगता हूं जिसके बिना मैं तन्हा रहता हूं जिसे याद कर मैं आहें भरता हूं एक लड़की है जो सबसे प्यारी है एक लड़की है जो सिर्फ हमारी है
औकात नहीं थी ज़माने कीजो मेरी कीमत लगा सके,कम्बख्त इश्क़ में क्या गिरे,मुफ्त में नीलाम हो गए!!”
किसी को मुफ्त में मिल गया वो शख्स 🤲जो मुझे हर हालत में चाहिए था!
“ ये फूल क्या मुझको विरासत में मिले हैं ,तुमने मेरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
ज़रूरत के सबब निकले हैं घर से ,हर एक की जी हज़ूरी कर रहे हैं ।मुक़्क़दर में हमारे कब है बिस्तर , सफ़र में नींद पूरी कर रहे हैं ।।
इस शहर के लोगों में वफ़ा ढूँढ रहे हो,तुम जहर की शीशी में दवा ढूँढ रहे हो।
घाट का एक खामोश पत्थर हूं मैंमैंने नदी के हज़ारों नखरे देखें हैं ...!
मौत से कैसा डर... मिनटों का खेल है,आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है।
अगर वो चाहती तो मुश्किल नही थामुझे लगता है उनका दिल नही थामुहब्बत में वो मुझसे जीत गयाजो कल तक रेस मैं शामिल नहीं था ।
बाँध देता है आँखों परइश्क़ भी पट्टियाँकि किसी को देखते रहेंऔर कोई ऐब ना दिखे...
बाँध देता है आँखों परइश्क़ भी पट्टियाँकि किसी को देखते रहेंऔर कोई ऐब ना दिखे...
आज हिसाब मांगने हैं उनसेजो कहते थे बहुत प्यार है तुमसे
लगा के आग शहर में बादशाह ने ये कहा आज दिल में तूफान भरा है ।सिर झुका के दरबारी ने कहा हुजूर का शौक सलामत रहे सल्तनत में शहरें कई हजार है ।
मुझसे मेरा हाल पूछते हो
बहुत मुश्किल सवाल पूछते हो
हमने कब चाहा के वो शख़्स हमारा हो जाए,
इतना दिख जाये कि आँखों का गुज़ारा हो जाए।।
हम जिसे हाथ लगा दे वह बिछड़ जाता है।
तुम जिसे चाह लो वह तुम्हारा हो जाए।।
तुमको लगता है कि तुम जीत गए हो मुझसे।
है यही बात, तो फिर खेल दोबारा हो जाए।।
तुम्हारी रूह से गुजर कर देखेंगे एक दिन ,
तुम्हारे सांसों का अंदाज कैसा है ।
तुमसे जुदा होकर देखेंगे एक दिन ,
तुमसे बिछड़ने का अंदाज कैसा है ।
तुमसे खफा होकर देखेंगे एक दिन ,
तुम्हारे मनाने का अंदाज कैसा है ।
तुम दूर हो गई तो ही टूट जाऊंगा मैं,
फिर मौत का इंतजार कैसा है ।
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए
उसने एक नज़र देखा और हम उसी के हो गए
पहले तो यूं बेगानी नगरी में
हमको कोई पूछा था
सारा शहर जब जान गया तो
लगने लगा कोई रूठा न था
गुनाह अगर इश्क है तो कोई हर्ज नहीं
वो इंसान ही क्या जो खता ना करे
मेरी उजड़ी हुई बस्ती को यूं ही सुनसान रहने दो
खुशियां रास नहीं आती मुझे परेशान रहने दो
तन्हाइयों से रहा है अब तक रिश्ता मेरा
मुझे महफिलों में मत ढूंढो यूं ही गुमनाम रहने दो
तिनका तिनका जोड़कर जो घर बनाया था मैंने
इन्हें महल मत बनाओ, मकान ही रहने दो
बला की खूबसूरत लगती है वो
चेहरे पर जब जुल्फें छोड़ देती है
ज़िक्र मेरा ही हमेशा
उसकी ज़ुबाँ पर आए
इतनी शिद्दत से कोई चाहे
तो मज़ा आ जाए .!!
हम तो यूं ही तुम्हारी आंखों में डूब जाते हैं
तुम्हें eyeliner लगाने की क्या जरूरत है।
मोहब्बत हो गई है तुमसे,
तुम्हें कैसे बताएं हम तारीफ करूं,
सजदा करूं या तुम्हें गले लगाएं हम
वह पूछती है क्या तुम जान भी दे सकते हो मेरे लिए
यार कोई उसे समझाओ मुझे आजमाया तो बहुत रोएगी
राज मोहब्बत के छुपा लेंगे तुम आओ तो सही
जख्म दिल के सिला लेंगे तुम आओ तो सही
तुमको बेदर्द जमाने के तवज्जो की गरज क्या है
हम खुद को आईना बना लेंगे तुम आओ तो सही
माना कि शहर मेरा मशहूर है अंधेरों का शहर
चांद आंगन में बुला लेंगे तुम आओ तो सही
रातों में जागने वाला मैं इकलौता नहीं हूं
आंखें बंद होती है मगर मैं सोता नहीं हूं
यही बात मुझे औरों से अलग बनाती है
मैं तुम्हारी तरह हर किसी का होता नहीं हूं
थोड़ा सा फिसल गया था
अब संभल गया हूं मैं
थोड़ा सा भटक गया था
अब संभल गया हूं मैं
दोबारा मत आना मेरे पास
बहुत बदल गया हूं मैं
श्क के सारे इम्तिहान दे दूं
अपने हिस्से के सारे अरमान दे दूं
इतना पागल हूं मैं तुम्हारे लिए
तुम मांगो दिल तो मैं जान दे दूं
कभी पढ़ कर खुशी होती होगी
कभी आंख भर जाती होगी
मेरी शायरी में जब किसी को
अपनी कहानी नजर आती होगी
इनकार के डर से वो इजहार नहीं करती
मोहब्बत तो करती है मगर इकरार नहीं करती
आओ आज महफिल कुछ यूं सजाते हैं
तुम पर ही लिखते हैं और तुम्हें ही सुनाते हैं
कितने खूबसूरत हो तुम हम तुम्हें बताते हैं
मेरे दिल में क्या है चलो आज दिखाते हैं
कैसे मैं शक ना करूं तुम पर
हजारों ने दिल हारे हैं तेरी तस्वीर देखकर
हर पल रहो तुम मेरे साथ
इश्क में ऐसा मुकाम चाहिए
कोई न जाने मेरा नाम तेरे सिवा
मुझे बस इतनी सी पहचान चाहिए
नहीं चाहिए मुझे दौलत और महल
बस हमारा छोटा सा जहान चाहिए
मैं नहीं कहता मुझे आसमान में रहना है
बस तेरे दिल में छोटा सा मकान चाहिए
मुकम्मल तभी होगी मेरी दुनिया
महफ़िलें हो मेरी और सिर्फ तुम ही मेहमान चाहिए
तुम कागजों पर और भी खूबसूरत लगते हो
यकीन नहीं तो हमारी नज्में पढ़कर देख लो
आओ सीख लो वफाएं हमसे
किसी न किसी से तो तुम्हें भी निभानी पड़ेगी
नजर लगती है हर खूबसूरत चीज को
कोई काला धागा बांध दे मेरे इश्क को
एक उम्र गुज़ार दूंगा मैं तेरे इंतज़ार में
तू लौट कर आने का वादा तो कर
नजर तक उठाकर नहीं देखूंगा किसी को
तू मेरा हो जाने का इरादा तो कर
लड़ जाऊंगा तेरे लिए पूरी दुनिया से मैं
बस तू मेरा साथ देने का वादा तो कर
दिल क्या जान दे सकता हूं तेरे इश्क में
बस तू प्यार मुझसे, मुझसे ज्यादा तो कर |
बड़ी बरकत है तेरे इश्क में,,
जबसे हुआ है बढ़ता ही जा रहा है..!!
एक चाहत हैं मेरी , एक चाहने वाला ऐसा हो
जो चाहने में बिल्कुल मेरे जैसा हो!!❤️
हम तो यूँ ही फ़िदा है तुम पर
तुम्हे सजने की जरुरत क्या है
मेरी निगाहों में एक ख्वाब आवारा है
चाँद भी देखूं तो चेहरा तुम्हारा है
मेरी मोहब्बत को इतना मुकाम मिल जाए
तू सोचे मुझे और अपने पास पाए
मेरी सुबह कहीं भी हो शुरू
तेरे साथ मेरी शाम हो जाए
दुखती रग पर उंगली रखकर
पूछ रहे हो कैसे हो
तुमसे यह उम्मीद नहीं थी
दुनिया चाहे जैसे हो
मेरी हर गुफ्तगूं जमीन से रही
यूं तो फुर्सत में आसमान भी था
जिद थी सिर्फ तुमसे बात करने की
यूं तो फुर्सत में सारा जहान भी था
जिसे नफरत है मुझसे
वही खुदा भी क्यों है
ये जो दर्द की वजह है
वही दवा भी क्यों है
लाजमी नहीं तुझे आंखों से देखूं
तुझे सोचना किसी दीदार से काम नहीं
गलतियों को माफ कर ऐतबार किया हमने
खुद से ज्यादा प्यार किया हमने
जिन्हें गम ना हुआ हमसे बिछड़ने का
हद से ज्यादा उनका इंतजार किया हमने
तू मोहब्बत नहीं समझती
हम भी खुद में जलते हैं
इस दफा बंदिशें बहुत ज्यादा है
छोड़ अगले जन्म में मिलते हैं
किसी मोड़ पर तेरा दीदार हो जाए
काश तुझे मुझ पर एतबार हो जाए
तेरी पलके झुके और इकरार हो जाए
काश तुझे भी मुझसे प्यार हो जाए
तरसे हैं हम भी किसी के प्यार को
हमारा भी प्यार से यकीन उठा है
करते थे हम भी बेहद प्यार किसी से
हमें भी तकलीफ हुई, हमारा भी दिल टूटा है
ज़िसको हक़ से चाहा उसका हकदार कोई और था
हम तो Timepass थे उनका, प्यार तो कोई और था
सबको मुफ्त में मिल जाया करूँ वो राय थोड़ी हूँ…
हर शख्सियत को पसन्द आ जाऊ मैं चाय थोड़ी हूँ..
गुरूर है हमें ....अपने भी क़िरदार पर ....
माना कोई तुम सा नहीं , तो कोई हम सा भी कहां है.
हाल-ए-दिल ये है की, मोहब्बत है…
राज-ए-दिल ये है कि,सिर्फ़ तुमसे है
कितने गौर से देखा होगा मेरी
आँखों ने तुम्हें,
की तुम्हारे बाद कोई चेहरा
हसीं नही लगा'!
किस लिए देखती हो आईना ...,,
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो …!!
इश्क़ की गहराइयों में ख़ूबसूरत क्या है ,,
मैं हूं, तुम हो और किसी की ज़रूरत क्या है !!
वो मर्ज़...ठीक करने में जिसे दुनिया लग गई ,
उसने हाथ थामा...और मुझको दवा लग गई !
बस एक तुमको ही ज़रा तलब से देखता हूँ मै ,,
वरना हर किसी को बड़े अदब से देखता हूँ मै !!
दिल को संभाल के रखा था हमने ज़माने के नजर से
कम्बख्त आँखों ने आपकी , हमे आशिक़ बना दिया !!
निगाह उठती ही नही किसी और की तरफ ,,
एक शख़्स का दीदार हमें पाबंद कर गया !!
“ चाँद से कहासुनी हो गयी ,,
जब मैंने जिक्र मेरे महबूब का किया !!”
“ चाँद से कहासुनी हो गयी ,,
जब मैंने जिक्र मेरे महबूब का किया !!”
मैं उससे कोई समझौता नहीं कर सकता
वो हर हाल में बस मेरी रहनी चाहिए
तेरी आंखें बताती हैं, तुझे मोहब्बत है मुझसे ,,
मगर दिल की तसल्ली को, ज़रा इज़हार हो जाए
गुलाब जैसी हो गुलाब लगती हो
हल्का सा मुस्कुरा दो लाजवाब लगती हो
हकीकत हो या कोई फसाना हो तुम
मुझे मेरे रातों की ख्वाब लगती हो
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफ़ा संभालकर;
वरना अभी दे दूं जिस्म से रूह निकाल कर।
इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी..!!
इस क़दर उलझन में पहले ज़िंदगी देखी न थी..!!
मेरे अपने करने लगे है बगावत आजकल,
गैरों को होने लगी है मोहब्बत मुझसे..
तू बेचैन नहीं, मुझे चैन नहीं,
मेरी जरूरत हो तुम, तुम्हें मेरी ज़रुरत नहीं,
बड़े अरसे के बाद, की है मोहब्बत किसी से,
तुझे कदर नहीं, मुझे सबर नहीं…
उसके चेहरे की चमक के आगे सब सादा लगा
आसमान में चांद पूरा था मगर आधा लगा
ब फैसले होते नहीं सिक्के उछाल के,
ये दिल के मामले हैं जरा देखभाल के।
मोबाइल के दौर के आशिकों को क्या पता,
रखते थे कैसे खत पर कलेजा निकाल के।
ये कह के नई रोशनी, रोएगी एक दिन,
अच्छे थे वही लोग पुराने ख्याल के।
आँधी उड़ा के ले गई ये और बात है,
कहने को हम भी पत्ते थे मजबूत डाल के।
तुमसे मिला है प्यार सभी रत्न मिल गए,
अब क्या करेंगे और समंदर खंगाल के।
उसकी सादगी ही कत्ल करती है मेरा
क्या होगा जब वो संवर कर आएगी
तेरा मेरे सीने पे सर रख के सोना,
किसी दिन जान लेगा मेरी,
कि सांसों को रोक रखता हूं,
कहीं तेरी आंख न खुल जाए…!!
हक जताया कर अच्छा लगता है
मुझे सब बताया कर अच्छा लगता है
चाहे लाख झगड़े हो हम दोनों के बीच
एक सॉरी पर तेरा मान जाना अच्छा लगता है
खुद की पसंद से सिर्फ गुलाब दे सकता हूं
बाकी कुछ भी पूछ लो जवाब दे सकता हूं
मैं बंदा हूं शर्मिला सा मुझे नहीं आता इजहार करना
तुम अगर कहो तो जान दे सकता हूं, कायनात दे सकता हूं
लोग दीवाने हैं बनावट के 😐
हम सादगी लेकर कहा जाए?🤭
तमन्ना हो अगर मिलने की, 😊
तो हाथ रखो दिल पर, 🌈
हम धड़कनों में मिल जायेंगे..
हल हमारी थी, उन्हें क्यों कसूरवार ठहराए।
उन्होंने तो वही किया जो उन्हें आता था ।
मैं मोहब्बत को हकीकत में बयां करके बड़ा रोया ।
मेरी जान, मैं खुद को तेरा करके बड़ा रोया ।
मैं पहले रोया तेरे गले लगने को
फिर तेरे गले लग के बड़ा रोया ।
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मोहब्बत ना हो मुझसे वह नफरत भी ना कर सके
कौन है जिस में कमी नहीं होती
आसमा के पास भी तो जमीं नहीं होती
शामिल हो तुम मेरी जिंदगानी में
मेरी लिखी हर कहानी में,
कभी हो होठों की हंसी में
तो कभी आंखों के पानी मे
इजहार-ए-इश्क करूं या पूछ लूं तबियत उनकी, 🌻
ऐ दिल कोई तो बहाना बता उनसे बात करने का।
इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझ को मेरा महबूब समझते होंगे
उनके होंठों की हर लकीरें तक याद है मुझे,
सोचो मैंने उन्हे कितनी शिद्दत से पढ़ा है,
क लड़की है
जिसकी अदा बहुत खूबसूरत है
सौ फूलों से बनी उसकी सूरत है
जाने किस संगमरमर की मूरत है
उसे प्यार करना मेरी फितरत है
वो मेरे हर कमी की जरूरत है
एक लड़की है
जिसके ख्यालों में खोया रहता हूं
जिसे हमेशा दुआओं में मांगता हूं
जिसके बिना मैं तन्हा रहता हूं
जिसे याद कर मैं आहें भरता हूं
एक लड़की है जो सबसे प्यारी है
एक लड़की है जो सिर्फ हमारी है
औकात नहीं थी ज़माने की
जो मेरी कीमत लगा सके,
कम्बख्त इश्क़ में क्या गिरे,
मुफ्त में नीलाम हो गए!!”
किसी को मुफ्त में मिल गया वो शख्स 🤲
जो मुझे हर हालत में चाहिए था!
“ ये फूल क्या मुझको विरासत में मिले हैं ,
तुमने मेरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
ज़रूरत के सबब निकले हैं घर से ,हर एक की जी हज़ूरी कर रहे हैं ।
मुक़्क़दर में हमारे कब है बिस्तर , सफ़र में नींद पूरी कर रहे हैं ।।
इस शहर के लोगों में वफ़ा ढूँढ रहे हो,
तुम जहर की शीशी में दवा ढूँढ रहे हो।
घाट का एक खामोश पत्थर हूं मैं
मैंने नदी के हज़ारों नखरे देखें हैं ...!
मौत से कैसा डर... मिनटों का खेल है,
आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है।
अगर वो चाहती तो मुश्किल नही था
मुझे लगता है उनका दिल नही था
मुहब्बत में वो मुझसे जीत गया
जो कल तक रेस मैं शामिल नहीं था ।
बाँध देता है आँखों पर
इश्क़ भी पट्टियाँ
कि किसी को देखते रहें
और कोई ऐब ना दिखे...
बाँध देता है आँखों पर
इश्क़ भी पट्टियाँ
कि किसी को देखते रहें
और कोई ऐब ना दिखे...
आज हिसाब मांगने हैं उनसे
जो कहते थे बहुत प्यार है तुमसे
लगा के आग शहर में बादशाह ने ये कहा
आज दिल में तूफान भरा है ।
सिर झुका के दरबारी ने कहा
हुजूर का शौक सलामत रहे
सल्तनत में शहरें कई हजार है ।
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